Share Market Basic Knowledge In Hindi : आज के पोस्ट में हमलोग सीखने वाले है कि शेयर मार्केट में ओवरऑल कोनसे कौनसे टॉपिक होते है और किस प्रकार से शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट करके बड़ा प्रॉफिट किया जाता है।

10 मिनिट में दोस्तो हम लोग पूरा शेयर मार्केट के बारे में हम लोग नॉलेज लेने वाले। तो अभी शेयर मार्केट के बारे में दोस्तो अगर हमको 10 मिनिट में सीखना है तो ओर मेन टॉपिक हमलोग कवर करेगे तो अगर आपके पास नोटपैड और पेन होगा तो लिख के लिया दोस्तो तो बहुत अच्छा रहेगा। तो शेयर मार्केट में जब हम लोग काम आते है लोग तो दो इम्पोर्टेन्ट टाइम से शेयर मार्केट में काम करने के एक होता है ट्रेडिंग और दूसरा होता है इन्वेस्टमेंट।
या तो आदमी शेयर मार्केट में ट्रेडर काम करता है और या तो इन्वेस्टर काम करता है। अभी ट्रेडिंग मतलब क्या शॉर्ट टर्म में काम करना, ट्रेडिंग लेना, बेचना शॉर्ट टर्म में और इन्वेस्टमेंट मतलब क्या लॉन्ग टर्म के लिए करके रखना?
अभी ट्रेडिंग में दोस्तो मेजर प्रकार क्या होते है को ट्रेडिंग में एक प्रकार होता है स्केल पिंग अबी स्केल की स्केल पिंग मतलब क्या कि कुछ सेकंड के लिए कुछ मिनट के लिए मार्केट में ट्रेड करना और प्रॉफिट बनाना उसको बोलते है।
स्केल पिंग अभी स्केल पर लोग क्या करते है? सुबह सवा 09:00 बजे मार्केट चालू होता है। नाइन फिफ्टीन को तो तुरंत एक एक मिनिट के अंदर कुछ सेकंड में लोग ट्रेड करके एंट्री एग्जिट करके उस मार्केट से बाहर निकलते है।
जब मार्केट में बड़ा मूवमेंट आता या बड़ा रैली होता है ना। जब फास्ट मूवमेंट होता है तो स्केल पर लोग एक मिनिट के अंदर ट्रेड करके उसको मार्केट से एग्जिट करते हैं। फास्ट उनको बोलते है स्केल पिंग। दूसरा प्रकार होता है इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे मतलब आज क्या लेना आज क्या बेचना।
एक घंटे में दो घंटे में पांच घंटे में सौदा खत्म करना। आज के दिन में उसको बोलते है इंट्राडे ट्रेडिंग। उसके बाद आता है स्विंग ट्रेडिंग। स्विंग मतलब क्या मैंने आज लिया माल समझो आज ट्रेड लिया महीने में 232 दिन के बाद, तीन दिन के बाद, पांच दिन के बाद उसको मैं स्क्वेयर ऑफ करता हूं।
यानी हफ्ते के अंदर उसको बोलते है स्विंग ट्रेडिंग। उसके बाद आता है पोजीशन ट्रेडिंग पोजीशन ट्रेडिंग। मतलब मैंने आज बाई किया। मैं कुछ वीक्स के लिए कुछ महीने के लिए मार्केट में ट्रेड होल्ड करता हूं। पोजीशन होल्ड करता हूं उसको बोलते है पोजीशन ट्रेडिंग।
तो दोस्तों स्केल, पिंग, इंट्राडे, स्विंग और पोजीशन ये जो ट्रेडर सेना मार्केट में इसमें खाली चार परसेंट लोग ट्रेडिंग में तो सक्सेस है। शेयर मार्केट में नाइंटी सिक्स परसेंट लोग दोस्तों ट्रेडिंग
में लॉस करते है और खाली चार परसेंट लोग ट्रेडिंग में प्रॉफिट बनाते। लेकिन दोस्तों उसके अलग इन्वेस्टमेंट लॉन्ग टर्म डिलीवरी इन्वेस्टमेंट।
इसमें अगर तीन तीन साल लॉन्ग टर्म डिलीवरी इन्वेस्टमेंट में अगर तीन साल से कोई भी बंदा ज्यादा टाइम के लिए शेयर खरीदी करके रखता है या तो निफ्टी के भी 50 शेयर खरीदी करके रखता है, बाई करके रखता है दोस्तों तो उसको प्वाइंट परसेंट प्रॉफिट में सक्सेस रेशो उसका क्या है इन्वेस्टमेंट का प्वाइंट परसेंट।
इसलिए मैं बोलता हूं कि नए लोग जो उनको प्रॉपर। अभी भी ज्यादा नॉलेज नहीं है मार्केट में वो लोग लॉन्ग टर्म डिलीवरी इन्वेस्टमेंट से स्टार्ट करें और थोडा थोडा सीखकर फिर बाद में ट्रेडिंग में लेकिन लोग उल्टा करते है पहले ट्रेडिंग से स्टार्ट करते हैं।
फ्यूचर ऑप्शन मार्केट में लॉस करते और फिर सीखते हैं मार्केट में। तो इसलिए मेरा आपसे कहना है कि आपको पहले लॉन्ग टर्म डिलीवरी से शुरुआत करना है और बाद में धीरे धीरे आपको ट्रेडिंग में आपका स्किल्स को बढ़ाकर, प्रॉपर नॉलेज लेकर, सेटअप सीख कर, स्ट्रैटेजी सीखकर आप लोग ट्रेडिंग में दो तो काम कर सकते हैं। अभी इन ट्रेडिंग के लिए क्या है?
ट्रेडिंग के लिए हमको पूरा पैसा भरने की जरूरत नहीं होती है। ट्रेडिंग में हमको हम लोग 10 परसेंट, 20 परसेंट, 30 परसेंट। अभी थोडा मार्जिन बढ़ा। सेबी ने तो 20 से 30 परसेंट मार्जिन भरकर हम लोग ट्रेडिंग में माल ले सकते। अभी फॉर एग्जाम्पल अगर 1 लाख के मुझे शेयर लेने हैं तो मैं 20 से 30000 रुपए भरके मैं 1 लाख के शेयर्स में बाय कर सकता हूं ट्रेडिंग में।
लेकिन इन्वेस्टमेंट में क्या करना पड़ेगा? मुझे इन्वेस्टमेंट में मुझे 1 लाख के शेयर लेना है तो पूरे 1 लाख देने पड़ेंगे। लेकिन समझो मैंने डीमैट के 1 लाख के शेयर लिए। तो मेरा क्या हुआ है? मैं डीमैट के शेयर्स का ओनर हो गया तो मुझे अगर लोन भी चाहिए तो मैं 50 परसेंट 50,000 का लोन मुझे तुरंत मिलेगा।
बैंक कोई भी दे देगा। शेयर के ऊपर आया समझ में लेकिन ट्रेडिंग के ऊपर ऐसा ट्रेडिंग के ऊपर ना कोई लोन मिलता है वो खाली पोजीशन से या वर्चुअल आपके नाम पर वो शेयर्स का डिलीवरी वो शेयर का ओनरशिप ट्रेडिंग में नहीं आता है। लेकिन इन्वेस्टमेंट में आपके नाम पर डिविडेंड, बोनस और शेयर्स का ओनरशिप।
दोस्तों आपको डिलीवरी इन्वेस्टमेंट आपको मिलता है तो ये मेन चीजें है दो इम्पोर्टेन्ट चीजें स्टॉक मार्केट में एक ट्रेडिंग और एक होता है इन्वेस्टमेंट। तो मेरे ऐसा बताना है आपको कि शुरुआत इन्वेस्टमेंट से करना है और थोड़ा थोड़ा ट्रेडिंग से कर हमको ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट दोनों करना चाहिए।
अगर हम लोग टी ट्वेंटी का रेशो रखते हैं यानी एटी परसेंट लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट और ट्वेंटी परसेंट अमाउंट शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग। तो दोस्तों ये बहुत अच्छा फॉर्म्युला एक बहुत अच्छा रेशो है जिसमें आप लोग ट्रेड कर सकते हो।
अभी दूसरा इम्पोर्टेन्ट जो मुझे शेयर मार्केट के बारे में आपको सब कुछ बताना है। उसमें आता है टाइप स्टॉक मार्केट, शेयर मार्केट में कितने प्रकार है? तो इसमें मेजर। हमारे इंडियन शेयर मार्केट में तीन इम्पोर्टेन्ट प्रकार है एक।
इक्विटी मार्केट, दूसरा कमोडिटी मार्केट और तीसरा करंसी मार्केट। ये तीन मेजर प्रकार हमारे इंडिया में दोस्तों शेयर मार्केट में हमको इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग करने के लिए अवेलेबल है। अभी जो पहला जो प्रकार इक्विटी मार्केट, इक्विटी मार्केट, शेयर मार्केट, कैश मार्केट, स्टॉक मार्केट, कैपिटल मार्केट, सिक्युरिटीज मार्केट ऐसा बहुत अलग अलग नाम से इक्विटी मार्केट को बोला जाता है।
अभी इक्विटी मार्केट में तीन प्रकार से ट्रेड होता है। एक होता है कैश, दूसरा होता है फ्यूचर और तीसरा होता है ऑप्शन। यह तीन ऑप्शन सेगमेंट इक्विटी मार्केट में ट्रेडिंग के लिए दोस्तों और इन्वेस्टमेंट के लिए अवेलेबल है।
कैश फ्यूचर और ऑप्शन अभी इक्विटी मार्केट के दो बड़े एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज। यह दो एक्सचेंज पर। दोस्तों इक्विटी मार्केट में ट्रेड होता है। दूसरा होता है कमोडिटी मार्केट यानी चीजों का मार्केट वस्तु बाजार को कहा जाता है। इसमें क्या होता है?
इसमें गोल्ड, सिल्वर, क्रूड ऑयल, कॉपर, निकेल, लीड, जिंक, एल्युमिनियम और इसमें एग्रो कमोडिटीज में धनिया, ज्वार, बाजरा। इसमें हल्दी, इलायची, लवंग। सब कुछ। दोस्तों इसमें कमोडिटी मार्केट में ट्रेड किया जाता है।
उसको बोलते है एग्रो कमोडिटीज तो एमसीएक्स। यह मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज और एनसीडीईएक्स नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज ये दो कमोडिटी मार्केट के एक्सचेंज है जहां पर कमोडिटी मार्केट में ट्रेड किया जाता है और कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग के दो सेगमेंट अवेलेबल है।
एक कमोडिटी मार्केट में होता है फ्यूचर पर ट्रेडिंग और दूसरा होता है ऑप्शन ट्रेडिंग। ये दो कमोडिटी मार्केट में दोस्तों सेगमेंट ट्रेड करने के लिए अवेलेबल है। तीसरा मार्केट जो होता है दोस्तों करंसी मार्केट, करंसी मार्केट इसको चलन बाजार कहा जाता है। इसमें दो सेगमेंट अवेलेबल है फ्यूचर और ऑप्शन और करंसी।
मार्केट के मेजर एक्सचेंज है। इंडिया में एनएसई, एनएसई पर ट्रेड होता है। करंसी मार्केट बीएसई पर होता है और एमसीएक्स एसएक्स ये तीन मेजर एक्सचेंज है जहां पर करंसी मार्केट के ऊपर दोस्तों ट्रेड किया जाता है। अभी करंसी मार्केट में चार मेजर पेयर इंडिया में डॉलर, यूरो, ग्रेड बीटन, पाउंड, जैपनीज इन।
यह चार करंसी के ऊपर। दोस्तो, हमारे इंडिया में मेजर ली ट्रेड किया जाता है और करंसी मार्केट में। दोस्तों मार्जिन कम लगता है। 2000 5000 के मार्जिन पर आप एक फ्यूचर का लॉट कम करंसी मार्केट में ले सकते हो।
कम मार्जिन पर ट्रेड करना करंसी मार्केट में बहुत पॉसिबल है तो नए लोगो को ट्रेडिंग सीखना है तो लोग करंसी मार्केट से स्टार्ट कर सकते है और उसमें मूवमेंट भी ज्यादा वोलैटिलिटी भी ज्यादा होता नहीं है। तो सीखने के लिए करंसी मार्केट एक बेहतरीन ऑप्शन।
दोस्तो अपने लिए अवेलेबल है तो हो गया ओवरऑल अभी दो इम्पोर्टेन्ट मेजर प्रकार दोस्तों शेयर मार्केट में हमको ध्यान रखना है अगर टोटल शेयर मार्केट हमको सीखना है तो तो शेयर मार्केट में दो इम्पोर्टेन्ट स्टडी जरुरी है एक होता है टेक्निकल एनालिसिस और दूसरा होता है फंडामेंटल एनालिसिस। यह दो स्टडी।
दोस्तों शेयर मार्केट में काम करने के लिए हमारे लिए इम्पोर्टेन्ट है। अभी जब हमको शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग करना है, स्केल की स्केल पिंग करना है, इंट्राडे करना है, स्विंग करना है या पोजीशन करना है तो हम लोगो को टेक्निकल एनालिसिस का स्टडी करके हम लोग इंडिकेटर्स सपोर्ट रेजिस्टेंस पैरामीटर्स। हम लोग स्ट्रैटेजी यूज करके दोस्तों टेक्निकल एनालिसिस का हमलोग यूज करके हमलोग शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग में हमलोग ट्रेड ले सकते है।
उसका हमको थोडा सा आइडिया होना। टेक्निकल एनालिसिस का बहुत जरूरी है। एंट्री एग्जिट के लिए कि कब ब्रेकआउट मिला, रेजिस्टेंस ब्रेक किया, सपोर्ट ब्रेक किया। इंडिकेटर क्या कह रहा है। अलग अलग पैटर्न होते है चार्ट के।
सीख कर लेना दोस्तों आपको बहुत जरूरी है उसको आपको हेल्प मिलता है डिसीजन लेने में और दूसरा होता है दोस्तों फंडामेंटल एनालिसिस, फंडामेंटल एनालिसिस। लॉन्ग टर्म स्टॉक मार्केट के लॉन्ग टर्म शेयर के इन्वेस्टमेंट के लिए फंडामेंटल एनालिसिस। दोस्तों बहुत बहुत इम्पोर्टेन्ट है इसमें अगर हम लोग बोले बोला जाए कि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट में आपको एटी परसेंट फंडामेंटल एनालिसिस और ट्वेंटी परसेंट डिसीजन लेने के लिए टेक्निकल एनालिसिस। यह दोनों का कॉम्बिनेशन। दोस्तों लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट में आपको होना जरूरी है। बहुत सारे लोगों का यहां पर सफल होता है।
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